भरत-पुत्रों की चेतावनी


दुनिया वाले सुन लें …
भरत-पुत्रों की सहनशीलता का तटबंध जब टूटता है,
वे भीम समान मानवता भूल रक्तपिपासु हो जाते है,
शत्रु-वक्ष की रुधिर-चासनी पी कर ही अघाते हैं ।
 … कोशिश हो ऐसा रक्तिम इतिहास दोहराया न जाये ।   
– प्रकाश ‘पंकज’